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प्राचीन शिव मंदिर सह शिवलिंग
खेकपरता, जिला लोहरदगा
रांची से 90 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में जिला मुख्यालय लोहरदगा से 12 किलोमीटर की दूरी में अवस्थित है स्थानीय पाषाण खण्डों से बना यह शिव मंदिर खेकपरता गांव(अक्षांस 230 27’ 10’’ उत्तर, देशांतर 840 44’ 50’’ पूर्व ) के पहाड़ी के शिखर पर स्थित है ।
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प्राचीन शिव मंदिर सह शिवलिंग
खेकपरता, जिला लोहरदगा
रांची से 90 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में जिला मुख्यालय लोहरदगा से 12 किलोमीटर की दूरी में अवस्थित है स्थानीय पाषाण खण्डों से बना यह शिव मंदिर खेकपरता गांव(अक्षांस 230 27’ 10’’ उत्तर, देशांतर 840 44’ 50’’ पूर्व ) के पहाड़ी के शिखर पर स्थित है ।
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राजमहल एवं मंदिर परिसर
नवरतनगढ़
नवरतनगढ़, सिसई तहसील मुख्यालय से 15 किलोमीटर तथा जिला मुख्यालय गुमला से 45 किलोमीटर की दुरी पर अवस्थित है । यह राज्य की राजधानी से लगभग 75 किलोमीटर पश्चिम में है |
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राजमहल एवं मंदिर परिसर
नवरतनगढ़
नवरतनगढ़, सिसई तहसील मुख्यालय से 15 किलोमीटर तथा जिला मुख्यालय गुमला से 45 किलोमीटर की दुरी पर अवस्थित है । यह राज्य की राजधानी से लगभग 75 किलोमीटर पश्चिम में है |
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संभावित भूगर्त कक्ष एवं सुरंग
सह बारादरी के ध्वंशावशेष
हदफ स्थित बारादरी (अक्षांस 250 4’ 31” उत्तर, देशांतर 870 46’ 47” पूर्व) झारखण्ड की राजधानी से 480 किलोमीटर तथा जिला मुख्यालय साहेबगंज से 32 किलोमीटर की दुरी पर अवस्थित है । बारादरी को नागेश्वर बाग के नाम से भी जाना जाता है ।
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संभावित भूगर्त
कक्ष एवं सुरंग
सह बारादरी के ध्वंशावशेष
हदफ स्थित बारादरी (अक्षांस 250 4’ 31” उत्तर, देशांतर 870 46’ 47” पूर्व) झारखण्ड की राजधानी से 480 किलोमीटर तथा जिला मुख्यालय साहेबगंज से 32 किलोमीटर की दुरी पर अवस्थित है । बारादरी को नागेश्वर बाग के नाम से भी जाना जाता है ।
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मंदिर समूह हाराडीह
झारखण्ड राज्य के रांची जिले के बुंडु प्रखंड में हाराडीह का मंदिर समूह स्थित है । यह गांव, राजधानी रांची से 60 किलोमीटर की दुरी तथा तमाड से 15 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है । प्राचीन मंदिर के अवशेष हाराडीह गांव के उत्तर में और खेतों के मध्य बनी एक ऊंचे
टीले पर विद्यमान है जिससे लगकर कांची नदी बहती है ।
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मंदिर समूह हाराडीह
झारखण्ड राज्य के रांची जिले के बुंडु प्रखंड में हाराडीह का मंदिर समूह स्थित है । यह गांव, राजधानी रांची से 60 किलोमीटर की दुरी तथा तमाड से 15 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है । प्राचीन मंदिर के अवशेष हाराडीह गांव के उत्तर में और खेतों के मध्य बनी एक ऊंचे
टीले पर विद्यमान है जिससे लगकर कांची नदी बहती है ।
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प्राचीन सरोवर एवं मंदिर समुह
बेनीसागर
बेनीसागर या बेनुसागर (अंक्षास 210 59’ 02’’ उत्तर देशांतर 850 53’ 39” पूर्व ) झारखंड राज्य के पश्चिम सिहंभूम जिले के मझगांव प्रखंड में स्थित है और उडीसा राज्य के मयुरगंज जिले की सीमा पर अवस्थित है ।
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प्राचीन सरोवर एवं मंदिर समुह
बेनीसागर
बेनीसागर या बेनुसागर (अंक्षास 210 59’ 02’’ उत्तर देशांतर 850 53’ 39” पूर्व ) झारखंड राज्य के पश्चिम सिहंभूम जिले के मझगांव प्रखंड में स्थित है और उडीसा राज्य के मयुरगंज जिले की सीमा पर अवस्थित है ।
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प्राचीन सरोवर एवं मंदिर समुह
बेनीसागर
बेनीसागर या बेनुसागर (अंक्षास 210 59’ 02’’ उत्तर देशांतर 850 53’ 39” पूर्व ) झारखंड राज्य के पश्चिम सिहंभूम जिले के मझगांव प्रखंड में स्थित है और उडीसा राज्य के मयुरगंज जिले की सीमा पर अवस्थित है ।
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जामा मस्जिद
हदफ
हदफ स्थित जामा मस्जिद (अक्षांस 250 4’ 29” उत्तर, देशांतर 870 46’ 46” पूर्व ) झारखण्ड की राजधानी रांची से 480 किलोमीटर तथा जिला मुख्यालय साहेबगंज से 32 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है ।
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जामा मस्जिद
हदफ
हदफ स्थित जामा मस्जिद (अक्षांस 250 4’ 29” उत्तर, देशांतर 870 46’ 46” पूर्व ) झारखण्ड की राजधानी रांची से 480 किलोमीटर तथा जिला मुख्यालय साहेबगंज से 32 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है ।